सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत में मानसरोवर झील के पास से होता है, यहां से उत्तर पश्चिम की ओर प्रवाहित होते हुए भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में प्रवेश करती है और लद्दाख रेंज के दक्षिण में प्रवाहित होते हुए आगे बढ़ती है, आगे चलकर लद्दाख की राजधानी लेह नगर इसी नदी के दायें और में बसा हुआ है जो भारत का सबसे शुष्क स्थान भी है यहां सिंधु नदी के दक्षिण में जास्कर रेंज है।
लद्दाख पर्वत श्रेणी के उत्तर में श्योक नदी सिन्धु नदी के समानांतर (Parallel) बहते हुए गिलगित बल्तिस्तान में जाकर सिंधु नदी से मिल जाती है जहां पर लद्दाख रेंज भी समाप्त होती है फिर यह सिंधु नदी काराकोरम रेंज के दक्षिण में प्रवाहित होते हुए आगे जाकर पाकिस्तान में प्रवेश कर जाती है,
पाकिस्तान में मिठानकोट के पास सिंधु की प्रमुख सहायक नदी चेनाब नदी आकर मिलती है इसके बाद दक्षिण की ओर प्रवाहित होते हुए सिंधु नदी अरब सागर में अपना मुहाना बनती है।
सिन्धु नदी की सहायक नदियाँ
इसका उद्गम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू & कश्मीर में बेरीनाग के पास से होता है और यहां से उत्तर पश्चिम की ओर प्रवाहित होती है यहां पर जम्मू & कश्मीर की summer capital श्रीनगर इसी नदी के किनारे पर स्थित है।
श्रीनगर से थोड़ा आगे चलकर इस नदी पर वूलर झील स्थित है जो भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है यहां से निकलने के बाद आगे चलकर यह नदी भारत और पाकिस्तान की सीमा बनाते हुए मंगला (Mangla) के पास पाकिस्तान में प्रवेश करती है, पाकिस्तान में यह नदी चिनाब नदी से मिल जाती है।
चिनाब नदी का उद्गम बरालाचाला दर्रा के पास से होता है, यहां पर चंद्र और भाग दो नदी आपस में मिलकर चंद्रभागा नदी बनाती हैं और यही चंद्रभागा नदी जम्मू एंड कश्मीर में प्रवेश करने के बाद चिनाब नदी के नाम से जानी जाती है, जम्मू एंड कश्मीर से निकलने के बाद यह नदी पाकिस्तान में प्रवेश करती है और पाकिस्तान में झेलम, रावि और सतलुज नदी इस नदी से आकर मिलती है और यह नदी सिंधु नदी से मिल जाती है, यहां आपको ध्यान देना है सहायक नदियों में अन्य नदियां चिनाब नदी में मिलती है और फाइनली चिनाब नदी सिंधु नदी में जाकर मिलती है।
रावि नदी का उद्गम हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में रोहतांग दर्रे के पास से होता है, हिमाचल प्रदेश से निकलकर पंजाब और जम्मू एंड कश्मीर की सीमा बनाते हुए आगे बढ़ती है यंहा सीमा पर ही इस नदी पर रणजीत सागर बांध (dam) स्थित है यहां से आगे निकलकर यह नदी पाकिस्तान और भारत की सीमा भी बनती है, पाकिस्तान में प्रवेश करने के बाद इसी नदी के किनारे पर लाहौर स्थित है, आगे जाकर यह नदी चिनाब नदी में मिल जाती है।
व्यास नदी का उद्गम रोहतांग दर्रे के पास व्यास कुंड से होता है हिमाचल प्रदेश में कुल्लू घाटी भी इसी नदी किनारे पर है आगे पश्चिम की ओर प्रवाहित होते हुए जाती है सीमा के पास पोंग बांध (dam) व्यास नदी पर ही स्थित है पंजाब में प्रवेश करने के बाद हरिके नामक स्थान पर सतलुज नदी से मिल जाती है।
सतलज नदी का उद्गम सिंधु नदी के स्रोत से लगभग 80 किमी. दूर मानसरोवर झील के पास राकसताल झील से होता है। हिमाचल प्रदेश में शिपकी-ला दर्रे से प्रवेश करती है और हिमाचल प्रदेश में ही इस नदी पर नाथपा झाकरी dam स्थित है यहाँ से पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए पंजाब में प्रवेश करने से ठीक पहले सीमा के पास ही प्रसिद्ध भाखड़ा बांध (dam) स्थित है, यह बांध गोविंद सागर झील का भी निर्माण करता है और पंजाब में प्रवेश करते ही भाखड़ा बाँध से लगभग 8 किलोमीटर दूरी पर ही नांगल बाँध स्थित है। यहाँ से आगे बढ़ने के बाद इस नदी के किनारे पर ही पंजाब का प्रमुख नगर लुधियाना स्थित है। आगे चलकर हरिके नामक स्थान पर व्यास नदी सतलज नदी से आकर मिलती है और इनके संगम के पास ही हरिके बैराज बनाया गया है, जहां से इंदिरा गांधी नहर भी निकलती है जो कि भारत की सबसे लंबी नहर है, जिसकी कुल लंबाई 649 किमी है।
सतलज नदी यहां से आगे बढ़ने पर पंजाब और पाकिस्तान की सीमा बनाते हुए आगे बढ़ती है और पाकिस्तान में प्रवेश करने के बाद यह नदी चेनाब नदी मैं मिल जाती है और चेनाब नदी मिठानकोट से कुछ किलोमीटर ऊपर सिंधु नदी में मिल जाती है।
सिन्धु नदी तंत्र को Animation Video के माध्यम से समझने के लिए यह विडियो देखें-