कुंभ मेला 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फ़रवरी तक चलेगा ।
हम जानेंगे कि कुंभ मेला भारत में कहाँ-कहाँ और कितने वर्षों में आयोजित होता है?
कुम्भ मेला हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु कुम्भ पर्व पर एकत्र होते हैं और नदी में स्नान करते हैं।
कुंभ मेला प्रत्येक चार वर्ष बाद भारत में चार स्थानों पर लगता है। हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे, इलाहाबाद या प्रयागराज में गंगा-यमुना नदियों के संगम पर, उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे पर और नासिक में गोदावरी नदी के किनारे पर और इसी क्रम में 4 वर्षों के अंतराल में आयोजित होता है ।
इनमें से प्रत्येक स्थान पर 12 वर्ष बाद कुंभ मेले का आयोजन होता है और इनमें से हरिद्वार और प्रयागराज में दो कुम्भ पर्वों के बीच छह वर्ष के अन्तराल में अर्धकुम्भ भी होता है। 2013 का कुम्भ प्रयागराज में हुआ था। फिर 2019 में प्रयागराज में अर्धकुम्भ मेले का आयोजन भी हुआ था।
कुंभ मेला प्रत्येक चार वर्ष बाद भारत में चार स्थानों पर लगता है। हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे, इलाहाबाद या प्रयागराज में गंगा-यमुना नदियों के संगम पर, उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे पर और नासिक में गोदावरी नदी के किनारे पर और इसी क्रम में 4 वर्षों के अंतराल में आयोजित होता है ।
इनमें से प्रत्येक स्थान पर 12 वर्ष बाद कुंभ मेले का आयोजन होता है और इनमें से हरिद्वार और प्रयागराज में दो कुम्भ पर्वों के बीच छह वर्ष के अन्तराल में अर्धकुम्भ भी होता है। 2013 का कुम्भ प्रयागराज में हुआ था। फिर 2019 में प्रयागराज में अर्धकुम्भ मेले का आयोजन भी हुआ था।
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